बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और निपुण भारत मिशन के तहत “हमारा आंगन-हमारे बच्चे” उत्सव के सफल क्रियान्वयन के लिए 5.70 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया। यह आयोजन 16 से 29 फरवरी तक ब्लॉक स्तर और 1 से 10 मार्च तक जिला स्तर पर किया जाना था।
👉 बेलघाट ब्लॉक में पूरी तरह से आयोजन नदारद
सूत्रों के अनुसार, बेलघाट ब्लॉक में न तो कोई प्रमुख बैठकें हुईं, न ही अभिभावकों की उपस्थिति में कोई शैक्षिक गतिविधियां संचालित की गईं। निपुण लक्ष्य, चहक, कलांकुर, बिगबुक, प्राइम कार्ड जैसी सामग्रियों का प्रदर्शन भी नहीं किया गया।
👉 ब्लॉक अधिकारियों की उदासीनता
कई ब्लॉकों में कार्यक्रम महज औपचारिकता बन कर रह गया। न तो जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया, न ही अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित की गई। ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों की निष्क्रियता इस बात की पुष्टि करती है कि योजना की मंशा को जमीनी स्तर पर समझा ही नहीं गया।
👉 अभिभावकों की भागीदारी लगभग शून्य
योजना का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा में भागीदार बनाना था, लेकिन हकीकत यह है कि अधिकांश ब्लॉकों में माता-पिता की उपस्थिति नहीं देखी गई।
👉 धन के दुरुपयोग पर सवाल
इस पूरी योजना में लाखों रुपये खर्च होने का दावा किया गया है। लेकिन जब जमीन पर कोई गतिविधि नहीं हुई, तो सवाल उठता है — आखिर ये पैसा कहां गया? किसने और कैसे इसका उपयोग किया?
👉 मांग: जिम्मेदार अधिकारियों की सूची सार्वजनिक हो
अब यह आवश्यक हो गया है कि शासन प्रशासन ब्लॉक-वार रिपोर्ट सार्वजनिक करे। कौन-कौन से ब्लॉकों में उत्सव हुआ, किसने कार्यक्रम में भाग लिया, कितनी धनराशि का उपयोग हुआ — इसकी पारदर्शी जांच होनी चाहिए। यदि धन का बंदरबांट हुआ है तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
Source: Anup Singh
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