बेलघाट क्षेत्र के सिसवा बाबू गांव में बुधवार को राजस्व टीम और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से हलचल मच गई। राजस्व निरीक्षक प्रयागजीत और देव नारायण मिश्र के नेतृत्व में राजस्व लेखपालों और पुलिस टीम ने गांव के चकमार्ग (गाटा संख्या 150) की पैमाइश की। इस दौरान सार्वजनिक मार्ग पर अवैध कब्जे की पुष्टि हुई। टीम ने मौके पर अवैध निर्माण कार्यों की जांच की और अतिक्रमणकारियों को सख्त चेतावनी दी।
चकमार्ग पर अवैध कब्जा और निर्माण
पैमाइश के दौरान टीम को चकमार्ग के एक हिस्से पर अवैध इंटरलॉकिंग बिछी हुई मिली, जिससे आवागमन बाधित हो रहा था। इसके अलावा कुछ जगहों पर मकान निर्माण हो चुका था और कुछ जगहों पर निर्माणाधीन ढांचे पाए गए। मौके पर चार व्यक्तियों की संलिप्तता पाई गई, जिनसे हस्ताक्षर लेकर नोटिस जारी किया गया।
ग्रामीणों की शिकायत और विवाद
चकमार्ग विवाद की जड़ में यह आरोप था कि ग्राम प्रधान विजय शर्मा द्वारा गांव के तिवारी टोला से रत्नी सीवान तक जाने वाले मार्ग पर इंटरलॉकिंग लगाई जा रही थी। इस पर गांव के राम कुसुम यादव ने आपत्ति जताई, यह दावा करते हुए कि जिस जमीन पर चकमार्ग बनाया जा रहा है, वह उनकी निजी संपत्ति है।
समाधान दिवस पर उठाया गया मामला
इस विवाद को लेकर ग्राम प्रधान विजय शर्मा ने उप-जिलाधिकारी खजनी को समाधान दिवस पर एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें मामले का निस्तारण कराने का अनुरोध किया गया था। समाधान दिवस पर प्रशासन ने आदेश दिया कि पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौके पर जाकर जमीन की पैमाइश करे।
प्रशासन की चेतावनी और सख्त रुख
प्रशासन ने मौके पर अतिक्रमण को चिन्हित कर कब्जाधारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे जल्द से जल्द अवैध निर्माण हटाएं। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों के बयान – दोनों पक्षों की बात
मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। सिसवा बाबू गांव के रहने वाले दया शंकर त्रिपाठी ने बताया,
“हमने ग्राम प्रधान विजय शर्मा के साथ समाधान दिवस पर पत्र दिया था, जिसके बाद यह पैमाइश की गई है। इससे यह साफ हो गया है कि चकमार्ग अवैध कब्जे के कारण बाधित था।”
दूसरी ओर, गांव के राम भवन यादव और उनकी माता ने प्रशासन पर यह आरोप लगाया कि उन्हें पैमाइश की जानकारी नहीं दी गई थी।
राम भवन यादव ने कहा,
“हमें पैमाइश की कोई सूचना नहीं मिली। पिछले महीने 25 फरवरी को भी पैमाइश हुई थी, लेकिन उस समय भी हमें सही जानकारी नहीं दी गई।”
अतिक्रमण और प्रशासन की कार्रवाई
मौके पर हुए मुआयने में पाया गया कि चकमार्ग टेढ़ा होकर आगे जाकर सीधा होता है, जहां अवैध इंटरलॉकिंग बिछाई गई थी। कुछ हिस्सों पर मकान निर्माण किया जा रहा था, जबकि अन्य जगहों पर निर्माणाधीन ढांचे मिले।
टीम ने चार व्यक्तियों की संलिप्तता पाई, जिनसे मौके पर हस्ताक्षर लेकर नोटिस जारी किया गया और निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द अवैध निर्माण हटाया जाए।
सार्वजनिक मार्गों पर सख्त प्रशासनिक रवैया
प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया कि सार्वजनिक मार्गों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर और भी सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी गई।
Source: Anup Singh
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