महाशिवरात्रि पर्व का उल्लासपूर्ण आयोजन बेलघाट में

बेलघाट में महाशिवरात्रि का महापर्व बुधवार को बड़े ही आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में “ॐ नमः शिवाय” और “हर हर महादेव” के जयकारों के साथ जलाभिषेक करने लगे।

शाम तक, लगभग छह बजे तक, जलाभिषेक का सिलसिला चलता रहा। श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था के अनुसार भगवान शिव को भांग, धतूरा, बेलपत्र और गंगाजल अर्पित कर पूजा-अर्चना की। बेलघाट स्थित महाकाल मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके साथ ही, कुरी बाजार में स्थित बाबा कुलेश्वरनाथ मंदिर और बेलघाट के प्रासादी गांव स्थित उद्देश्वरनाथ मंदिर तथा बहादुरपुर के मृत्युंजय महादेव मंदिर में भी भक्तों की अपार भीड़ देखी गई।

गांव-गांव में स्थित शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना का माहौल बना रहा। पूरे क्षेत्र में शिव भक्ति के गीत गूंजते रहे और मंदिरों के बाहर मेले जैसा दृश्य दिखाई दिया।

बाबा कुलेश्वरनाथ

प्राचीन मंदिरों का महत्व और सुरक्षा व्यवस्था
पीपरसंडी गांव के निवासी और बेलघाट भाजपा मंडल अध्यक्ष, बजरंगी सिंह ने बताया कि गांव में स्थित उदयेश्वर नाथ मंदिर अति प्राचीन है और इसे पूर्वजों ने स्थापित किया था। यह मंदिर पूरे गांव की धरोहर है। इस मंदिर का पंचमुखी गुम्बद लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बेलघाट थाना प्रभारी विकासनाथ क्षेत्र के सभी मंदिरों पर विशेष रूप से तैनात रहे। कुरी बाजार चौकी प्रभारी गोपाल यादव और अन्य पुलिसकर्मी भी सुरक्षा व्यवस्था संभालते नजर आए।

उदयेश्वर नाथ मंदिर

बाबा कुलेश्वरनाथ मंदिर की ऐतिहासिकता
कुरी बाजार में स्थित बाबा कुलेश्वरनाथ मंदिर के पुजारी और स्थानीय निवासियों से जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि यह मंदिर लगभग 500 वर्षों पुराना है। पहले यहां घना जंगल था और इस जंगल में एक पीपल के पेड़ के बीच एक बाबा रहते थे, जिन्हें स्थानीय लोग ‘खाकी बाबा’ के नाम से जानते थे। बताया जाता है कि जब उस पीपल के पेड़ को काटा गया, तो उसके अंदर से एक शिवलिंग प्रकट हुआ। यह देखकर लोगों ने वहां पूजा-अर्चना शुरू कर दी और धीरे-धीरे इस स्थान को मंदिर का रूप दिया गया। बाद में, भक्तों की आस्था बढ़ने के साथ ही इस भव्य मंदिर का निर्माण हुआ।

यह मंदिर कुरी बाजार चौकी से पश्चिम में स्थित है और पास में ही संत कबीर नगर का बॉर्डर भी शुरू हो जाता है। इसलिए महाशिवरात्रि के दिन यहां गोरखपुर और संत कबीर नगर जिलों से हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मंदिर में प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु जल चढ़ाने आते हैं।

विशेष सुविधाओं की व्यवस्था
बेलघाट के वर्तमान ब्लॉक प्रमुख पूजा शिवप्रकाश सिंह कौशिक के सौजन्य से आरओ वॉटर टैंक की भी व्यवस्था कराई गई। उनके नेतृत्व में बेलघाट के सभी प्राचीन मंदिरों में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किए गए।

बेलघाट में महाशिवरात्रि पर्व की भव्यता, श्रद्धालुओं की भीड़, मंदिरों की पौराणिकता और भक्तिमय वातावरण ने इस आयोजन को विशेष बना दिया।

 

Source:गोरखपुर यूथ
https://www.facebook.com/watch/?v=1093886729160848&rdid=4J6lrbEeK5PkkgpP

 

 

 

 

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