आंबेडकर जयंती के अवसर पर चौतरा गाँव (विकासखंड बेलघाट) में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान स्थानीय शिक्षक रामवृक्ष प्रजापति द्वारा ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज पर की गई विवादास्पद टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
वीडियो सामने आने के बाद विभिन्न वर्गों के लोगों ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उनकी टिप्पणी को “जातिगत द्वेष फैलाने वाली”, “अभद्र” और “शिक्षक जैसे सम्मानित पद की गरिमा के खिलाफ़” बताया गया।
कुछ सोशल मीडिया पोस्टों में यह भी उल्लेख किया गया कि आंबेडकर को ‘आंबेडकर’ बनाने वाले ब्राह्मण अध्यापक कृष्णा केशव आंबेडकर थे जिन्होंने अपनी उपाधि देकर भीमराव रामजी आंबेडकर को पहचान दिलाई और स्कॉलरशिप की सुविधा दिलवाकर उन्हें विदेश भेजा।
पद पर रहते हुए ऐसी टिप्पणी को लेकर स्थानीय लोगों ने तीव्र नाराजगी जताई और शिक्षक की भूमिका पर सवाल उठाए।
इस पूरे विवाद के बीच, शुक्रवार शाम साढ़े 6 बजे शिक्षक रामवृक्ष प्रजापति ने मीडिया के समक्ष सफाई देते हुए माफी माँगी। उन्होंने कहा कि,
“मेरे कहे शब्दों का आशय किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था। अगर मेरी बातों से किसी समाज, धर्म या व्यक्ति को ठेस पहुँची है तो मैं हाथ जोड़कर क्षमा चाहता हूँ। मैं स्वयं को आप लोगों का छोटा भाई या पुत्र मानता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि मुझे क्षमा किया जाएगा।”
रामवृक्ष प्रजापति ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल प्राचीन कथाओं का संदर्भ दिया था, लेकिन अगर किसी को वो बाते आपत्तिजनक लगीं तो उन्हें खेद है। इस बीच, उनके द्वारा शिव-पार्वती विवाह और दक्ष यज्ञ से जुड़े कथन को भी ऐतिहासिक रूप से गलत ठहराया गया, जिस पर उन्होंने स्वीकार किया कि जानकारी में त्रुटि हुई और वह भविष्य में इस प्रकार की भूल न दोहराने का आश्वासन देते हैं।
संक्षिप्त माफीनामा (एक बयान के रूप में)
“मेरे द्वारा आंबेडकर जयंती के कार्यक्रम में कही गई कुछ बातों से यदि किसी की धार्मिक या जातीय भावनाओं को ठेस पहुँची हो तो मैं उसके लिए हृदय से क्षमा चाहता हूँ। मेरा उद्देश्य किसी समाज या वर्ग को नीचा दिखाना नहीं था। भविष्य में मैं ऐसे किसी भी वक्तव्य से बचूँगा जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़े।” – रामवृक्ष प्रजापति
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“आपका यह विनम्र क्षमायाचन भाव वास्तव में आपके संवेदनशील और सजग व्यक्तित्व का परिचायक है। हम आपकी भावना की कद्र करते हैं और आपके वक्तव्य को क्षमा करते हुए आशा करते हैं कि भविष्य में हम सब मिलकर सामाजिक एकता और सौहार्द को और सुदृढ़ बनाएँगे। आपका यह कदम समाज को जोड़ने वाला है और हम इसका स्वागत करते हैं।”